रायपुर

CG Smart City: दो साल में 171 सीसीटीवी कैमरे बंद, न नए लगे न पुराने की मरम्मत, कैसे सुरक्षित होगा शहर?

CG Smart City: फिलहाल रायपुर की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे बेहद अहम हैं. शहर में सुरक्षा बढ़ाने का दावा करते हुए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे.

रायपुर,CG Smart City:  फिलहाल छत्तीसगढ़ के रायपुर में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे बेहद अहम हैं. शहर में सुरक्षा बढ़ाने का दावा करते हुए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. इनमें से कई कैमरे बंद हो चुके हैं। इन बंद कैमरों को न तो बदला जा रहा है और न ही मरम्मत की जा रही है।

इससे सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ गयी है. जिन इलाकों में कैमरे बंद कर दिए गए हैं, वहां अपराधियों को पकड़ने में काफी दिक्कत हो रही है. पिछले दो साल में शहर के विभिन्न स्थानों पर लगे 171 सीसीटीवी कैमरे बंद हो गये हैं. इससे उन जगहों पर अपराधियों और उनके वाहनों का आसानी से पता नहीं चल पाता है. उनकी पहचान समय पर नहीं हो पाती है, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है।

सीजी स्मार्ट सिटी: मेंटेनेंस तक नहीं हो पा रहा है

वर्ष 2022 में शहर के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग श्रेणी के कुल 921 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इसमें ट्रैफिक सिग्नल के अलावा प्रमुख चौराहे और मार्ग भी शामिल थे। नवंबर 2024 तक केवल 750 सीसीटीवी कैमरे ही चालू हालत में बचे हैं. 171 कैमरे बंद हैं। इसमें से कुछ ख़राब है. बंद कैमरे न बदलें बंद कैमरों को न बदला जा रहा है और न ही सुधारा जा रहा है।

स्मार्ट सिटी ने आईटीएमएस के सीसीटीवी कैमरों के मेंटेनेंस से काम हाथ खींच लिया है। इसका संचालन स्मार्ट सिटी करती थी, लेकिन ठेका अगस्त 2024 में खत्म हो गया है। इसके बाद इसे नगर निगम को सौंप दिया गया। बताया जाता है कि इसके बाद कैमरों के मेंटेंनेंस के लिए फंड अब तक नहीं मिला है। इसके चलते कैमरों का मेंटेनेंस प्रभावित है।

दोबारा नहीं लगा कैमरा

रायपुरा चौक और संतोषी नगर चौक के पास ट्रैफिक सिग्नल हटाते समय उसमें लगे सीसीटीवी कैमरे भी हट गए थे। उसके बाद से इन चौराहों पर दोबारा सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। इसी तरह शहर के कई इलाके हैं, जिसके प्रमुख मार्गों पर कैमरे नहीं लगे हैं। इससे अपराधिक गतिविधियों पर लगाम नहीं लग रहा है।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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